नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें। थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें। अर्थ- आपकी जटाओं से ही गंगा बहती है, आपके https://titusdanpb.bloggactif.com/30567730/not-known-factual-statements-about-shiv-chalisa-lyrics-english