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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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तन्हाई में जब दर्द सबसे गहराई से महसूस होता है, “मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे मेरे कमरे को सजाने कि तमन्ना है तुम्हें, जिंदगी में इंसान उस वक्त बहुत टूट जाता है, मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं तन्हाई की रातों में, दिल https://youtu.be/Lug0ffByUck

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