तन्हाई में जब दर्द सबसे गहराई से महसूस होता है, “मिरी ख़्वाहिश है कि आँगन में न दीवार उठे मेरे कमरे को सजाने कि तमन्ना है तुम्हें, जिंदगी में इंसान उस वक्त बहुत टूट जाता है, मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं तन्हाई की रातों में, दिल https://youtu.be/Lug0ffByUck